सामाजिक नियंत्रण के प्रकार - types of social control

सामाजिक नियंत्रण के प्रकार - types of social control


पारसन्स ने सामाजिक नियंत्रण के साधनों को निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित किया है-


(1) सकारात्मक


सकारात्मक नियंत्रण वह है जो व्यक्ति अंतःकरण से जन्म लेता है। व्यक्ति अपने अंतःकरण से नियंत्रण में रहता पारसन्स के अनुसार नियंत्रण का यह सर्वश्रेष्ठ साधन है। सामाजिक और आदर्श, धर्म और शिक्षा संस्थाएँ तथा संस्कार नियंत्रण के साधन हैं।


(2) नकारात्मक


नियंत्रण का नकारात्मक साधन वह है जो शक्ति के भय से व्यक्ति के ऊपर नियंत्रण रखा जाता है। व्यक्ति अंतःकरण से नियंत्रण का पालन नहीं करना चाहता किंतु वह ऐसा भय के कारण करता है। इस प्रकार के नियंत्रण के साधन में शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 


(3) सुधारात्मक


सुधारात्मक नियंत्रण वह है जो शक्ति के व्यवहारों को कुछ इस प्रकार नियंत्रण कर देता है कि वह भविष्य में विचलनकारी व्यवहार न करे। नियंत्रण का सुधारात्मक साधन यह मानकर चलता है कि विचलनकारी व्यवहार करने वाला व्यक्ति एक बीमार व्यक्ति है। वह जो भी व्यवहार कर रहा है यह व्यवहार उसकी बीमारी का परिणाम है। जिस प्रकार बीमार व्यक्ति का इलाज किया जाता है ठीक उसी प्रकार विचलनकारी व्यवहार करने वाले का इलाज किया जाता है। व्यक्ति विचलनकारी व्यवहार इसलिए करता है कि उसका ठीक से समाजीकरण नहीं हो पाया है। सुधारात्मक नियंत्रण निम्नलिखित तत्वों पर आधारित है।


(अ) सुधारात्मक नियंत्रण में विचलनकारी व्यवहार करने वाले व्यक्ति के मन में इस प्रकार की भावना विकसित कर दी जाती है कि वह भी समाज एक उपयोगी प्राणी है। परिणामस्वरूप समाज को उस व्यक्ति की आवश्यकता है।


(ब) व्यक्ति जो भी विचलनकारी व्यवहार करता है समाज उन सभी विचलनकारी व्यवहारों को स्वीकार कर लेता है।


(स) समाज में ऐसी संस्थाओं का विकास किया जाता है जो सामाजिक जीवन में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में समक्ष होते हैं।


(द) विलचनकारी व्यवहार करने वाले व्यक्ति को समाज के अनुरूप व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया जाता है।