साज-सज्जा एवं देख-रेख - Equipment and Maintenence

साज-सज्जा एवं देख-रेख - Equipment and Maintenence

एक उपक्रम में पूँजी गत साज-सज्जा पर बहुत ही सावधानीपूर्ण और नियमित देख रेख की आवश्यकता होती है। आगे वे काफी उपयोगी हो सकते हैं और कार्य भी निरन्तर जारी रह सकता है। जब तक पूँजी गत उपकरण नये होते हैं तो अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती, किन्तु जब उनका ह्रास होने लगे तो अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे मशीन की उम्र घटती जाती है तो उत्पादन श्रृंखला अधिक टूटती है और परिणामस्वरूप उत्पादन की हानि होती हैं। इसीलिए हमेशा समय रहते देख-भाल करना अच्छा होता है। दुर्भाग्यवश हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के सयन्त्रों की देख-रेख में बहुत ही लापरवाही बरती जाती है और उपेक्षित क्षेत्र में गिना जाता है।

यह सार्वजतिन क्षेत्र के इस्पात संयन्त्रों तथा निजी क्षेत्र के इस्पात संयन्त्र टाटा लोहा-इस्पात कम्पनी (टस्को) के अधो-समय (down-time) के तुलनात्मक समकों द्वारा सिद्ध किया जा सकता है। टिस्को एक प्राचीन संयन्त्र होने के नाते ख़राब नहीं होने हेतु अत्यधिक विश्वसनीय संयन्त्र है तथा अधोसमय (Downtime) की वृद्धि के लिए भी अनुकूल है। किन्तु इसकी शीघ्र और सावधानी पूर्वक देख-रेख इसके अच्छे ढंग से संचालित करने में अधिक योगदान होगा। इसके दूसरी ओर दुर्गापुर इस्पात संयन्त्र तथा राऊरकेला इस्पात संयन्त्रों में काफी बार खराबी होती है तथा बहुत समय व्यर्थ होता है ऐसा रिकार्ड किया गया है।