विज्ञापन की परिभाषा और विशेषता - Definition and Characteristics of Advertising
विज्ञापन की परिभाषा और विशेषता - Definition and Characteristics of Advertising
अर्थ एवं परिभाषा
विज्ञापन किसी वस्तु, संस्था, कार्य अथवा घटना के संबंधों में किसी अवैयक्तिक माध्यम से सूचना या संदेश देने का ढंग है। विज्ञापन दो शब्दों से मिलकर बना है विज्ञापन अर्थात् विशेष प्रकार के ज्ञापन या प्रचार का नाम विज्ञापन है। व्यावसायिक जगत में जब निर्माता अपनी वस्तु, सेवा या संस्था के बारे में विभिन्न साधनों के द्वारा उपभोक्ता को जानकारी प्रदान करता है तो इसे विज्ञापन कहते हैं। विज्ञापन का उद्देश्य
उपभोक्ता को क्रय के लिए प्रोत्साहित करना है। परिभाषाएँ :- विज्ञापन की कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं
1. अमेरिकन मार्केटिंग ऐसोसिएशन (American Marketing Association) के अनुसार, “विज्ञापन एक निश्चित विज्ञापण द्वारा अवैयक्तिक रूप से विचारों, वस्तुओं या सेवाओं को प्रस्तुत करने तथा संवर्द्धन करने का एक प्रारूप है जिसके लिए विज्ञापन द्वारा भुगतान किया जाता है।”
2. शैल्डन (Sheldon ) के अनुसार, “विज्ञापन वह वास्तविक शक्ति है जिसमें मुद्रित शब्दों के द्वारा लोगों को विक्रय वृद्धि में सहायता मिलती है, साख का निर्माण होता है तथा ख्याति बढ़ती है।"
3. प्रेसब्रे (Pressbrey) के अनुसार, "विज्ञापन मुद्रित, लिखित शब्दों द्वारा व्यक्त या चित्रित विक्रयकला है। विज्ञापन वस्तुओं के विक्रय के लिए किए जाते हैं तथा विज्ञापन का उद्देश्य जनता के मस्तिष्क को व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से विज्ञापन के हित में प्रभावित करना है।"
4. लस्कर (Lasker) के अनुसार, "विज्ञापन मुद्रण के रूप में विक्रयकला
उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि विज्ञापन से आशय ऐसे दृश्यीय लिखित या मौलिक अवैयक्तिक संदेशों से है जो किसी निर्माता या व्यक्ति द्वारा अपनी वस्तु,
सेवा अथवा संस्था के बारे में जन-सामान्य को क्रय प्रेरण के उद्देश्य से किए जाते हैं। विज्ञापन की प्रमुख विशेषताएँ
विज्ञापन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है
1. सार्वजनिक संदेश (Mass Communication) :- विज्ञापन क्रेताओं के व्यापक समूहों को प्रस्तुत किया गया संदेश है। यह उपभोक्ताओं को सार्वजनिक रूप से किया गया संप्रेषण है, जो वृहत् उत्पादन के कारण जरूरी होता है।
2. अवैयक्तिकप्रस्तुतीकरण (Non-Personal Presentation) :- विज्ञापन एक अवैयक्तिक प्रस्तुतीकरण है,
जिसमें निर्माता व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि किसी माध्यम से अपना संदेश प्रस्तुत करता है। इसी प्रकार विज्ञापन में किसी व्यक्ति विशेष को संदेश नहीं दिया जाता है।
3. व्यापारिक उद्देश्य (Commercial Objective) :- विज्ञापन का उद्देश्य सदैव लाभप्रद बिक्री का होता है। यह निर्माता की बिक्री एवं लाभों को बढ़ाता है तथा व्यवसाय में वृद्धि करता है। क्रय प्रेरणा (Buying Persuasion) :- विज्ञापन का कार्य उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक क्रय
4.हेतु प्रोत्साहित करना है। यह उपभोक्ताओं को अधिकाधिक उपभोग के लिए प्रेरित करता है।
5. सूचनात्मक (Informative ) :- विज्ञापन उपभोक्ताओं को वस्तु अथवा सेवा के विभिन्न पहलुओं जैसे कीमत, गुण, किस्म, उत्पादन सामग्री, उपलब्ध स्थान आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
6.विज्ञापक द्वारा भुगतान (Paid Form ) :- विज्ञापन मुफ्त में नहीं होता, इसके लिए विज्ञापक द्वारा
भुगतान किया जाता है। विविध माध्यम ( Various Medium) :- विज्ञापन के लिए लिखित, मुद्रित, मौखिक, दृश्यीय एवं श्रव्य माध्यमों एवं साधनों का प्रयोग किया जाता है। 7.
8. निश्चित विज्ञापक (Identified Sponsor ) :- प्रत्येक विज्ञापन में एक निश्चित विज्ञापक होता है, जिसका नाम व अन्य विवरण विज्ञापन में दिया जाता है। इससे विज्ञापक की पहचान की जा सकती है। विज्ञापक एक व्यक्ति, फर्म अथवा कंपनी हो सकती है।
9. विपणन उपकरण (Marketing Tool ) :- विज्ञापन विपणन का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। व्यापक अर्थ में विज्ञापन विक्रय प्रवर्तन का एक भाग है। यह विपणन कार्यक्रम का एक युद्धनीतिक अंग है। 10. आर्थिक क्रिया (Economic Activity ) :- विज्ञापन समाज में विनियोग, उत्पादन, रोजगार तथा पूँजी निर्माण की क्रियाओं को गति प्रदान करता है।
11. सृजनात्मक क्रिया (Creative Activity ) :- विज्ञापन एक कलात्मक एवं सृजनात्मक क्रिया भी है। इस पेशे में अनेक कलाकार तथा साहित्यकार 'सृजनात्मक संतुष्टि' प्राप्त करते हैं।
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