विस्तृत प्रबन्ध के विस्तार' के लाभ व दोष - Advantages and Disadvantages of 'Expansion of Detailed Management'

विस्तृत प्रबन्ध के विस्तार' के लाभ व दोष - Advantages and Disadvantages of 'Expansion of Detailed Management'


लाभ :


(1) कम निरीक्षण अधिकारियों की आवश्यकता होने के कारण प्रबन्धकीय लागतें कम आती हैं।


(2) अधिकारी एवं अधीनस्थों में सीधा संपर्क होने के कारण अधिक सहयोग रहता है।


(3)


संदेशवाहन व्यवस्था प्रभावपूर्ण रहती है।


दोष :


(1) एक ही समय पर अनेक अधीनस्थों की देख-रेख करने के कारण नियंत्रण कमजोर रहता है।


(2) अधिक कार्यभार होने के कारण निर्णय देरी से लिए जाते हैं।


(3) दैनिक कार्यों अथवा समस्याओं में उलझे रहने के कारण रचनात्मक कार्य नहीं हो पाते।


(ख) संकीर्ण प्रबन्ध का विस्तार यदि एक प्रबन्धक एक समय में कम अधीनस्थों की देख-रेख करता है तो इसे संकीर्ण प्रबन्ध का विस्तार' कहेंगे। ऐसी दशा में प्रबन्धकीय स्तर अधिक होने के कारण संगठन का ढांचा ऊँचा अथवा लम्बवत् होगा। उदाहरण के लिए, यदि एक विक्रय प्रबन्धक 12 अधीनस्थों (सेल्ज़मैन) पर नियंत्रण करने में कठिनाई महसूस करता है तो वह अपने नीचे 3 उप-प्रबन्धक नियुक्त कर सकता है तथा प्रत्येक उप-प्रबन्धक को 4-4 अधीनस्थ सौप देता है। इस प्रकार अब एक अधिकारी के स्थान पर विक्रय प्रबन्धक सहित चार अधिकारियों की जरुरत पड़ेगी। इसे चित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है:



संकीर्ण प्रबन्ध के विस्तार के लाभ व दोष निम्नलिखित हैं:


लाभ


(1) अधीनस्थों की संख्या कम होने के कारण नियंत्रण अधिक प्रभावपूर्ण होता है।


(2) कार्यभार कम होने के कारण निर्णय अच्छे एवं शीघ्र से लिए जाते हैं।


(3) दैनिक समस्याएं कम होने के कारण रचनात्मक कार्यों की ओर ध्यान दिया जा सकता है।


दोष


(1) अधिक निरीक्षण अधिकारियों की नियुक्ति किए जाने के कारण प्रबंधकीय लागता में वृद्धि होती है।

 

अधिकारियों एवं कर्मचारियों में सीधा संपर्क न रहने के कारण समन्वय की समस्या उत्पन्न होती है।


(3) अधिक प्रबंधकीय स्तरों के कारण संदेशवाहन प्रभावपूर्ण नहीं रहता



उपयुक्तता :


जिन संस्थाओं में कार्य की प्रकृति जटिल है और व्यवसाय का आकार बड़ा है वहां संकीर्ण प्रबंधन के विस्तार का प्रयोग किया जाना चाहिए। ऐसा करने से उनकी समस्याएं भी सुलझ जाएंगी और क्योंकि वे वित्तिय रुप से सुदृढ़ होती हैं इसलिए उन्हें प्रबंधकीय खर्चों का बोझ भी महसूस नहीं होगा। इसके विपरीत, जिन संस्थाओं का आकार छोटा है और कार्य की प्रकृति सरल है उनमें विस्तृत प्रबंधन के विस्तार का प्रयोग किया जाना अधिक उपयोगी रहता है।