प्रबंधकीय अंकेक्षण की प्रक्रिया - management audit process

प्रबंधकीय अंकेक्षण की प्रक्रिया - management audit process


प्रबंधकीय अंकेक्षण को लागू करने के लिए प्रायः निम्नलिखित प्रक्रिया को अपनाया जाता है:


प्रबंधकीय अंकेक्षण पद्धति को लागू करने के उद्देश्य: सर्वप्रथम संचालकों द्वारा प्रबंधकीय अंकेक्षण पद्धति लागू करने के उद्देश्य निश्चित किए जाते हैं। इसके साथ ही प्रबन्ध अंकेक्षक की नियुक्ति भी कर दी जाती है।


(ii) तथ्य एकत्रित करनाः अंकेक्षक की नियुक्ति हो जाने पर वह जांच का काम प्रारम्भ कर देता है।

जांच के दौरान वह आवश्यक रिकार्ड का परीक्षण करता है, प्रबन्धकों का साक्षात्कार लेता है, संस्था की नीतियों, संगठनात्मक ढांचे अभिप्रेरण व संदेशवाहन की प्रणालियों की जांच करता है। इसके अतिरिक्त एक विशेष अवधि में लिए गए सभी प्रबन्धकीय निर्णयों की क्वालिटी का जांच करता है।


आलोचनात्मक परीक्षण: सभी आवश्यक तथ्य एकत्रित करने के बाद यह उनका आलोचनात्मक परीक्षण करता है

और यह देखता है कि कौन-कौन सी क्रियाएं अनावश्यक व अनुपयोगी थीं तथा कौन-कौन से निर्णय असफल रहे और क्यों?


सुधार के उपाय: प्रबन्ध अंकेक्षक का काम केवल कमियों को निकालना ही नहीं है. बल्कि उन्हें दूर करने के उपाय बताना भी है अतः सबसे अंत में वह संचालक मण्डल को सुझावों सहित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।