मानव संसाधन विकास का उद्वव - Origin of Human Resource Development

मानव संसाधन विकास का उद्वव - Origin of Human Resource Development


मानव संसाधन विकास का उद्वव कई अवस्थाओं के बाद हुआ। प्रारम्भिक अवस्था में हाथों से


कार्य होते थे। बाद में मशीनी युग का आगमन हुआ।


(1) प्रारम्भिक प्रशिक्षण प्रोग्राम- इस अवस्था तथा स्तर में कर्मचारी हाथों के द्वारा कार्य करते


थे। इस अवस्था की शुरूआत 1700 ई. में हुई।


इसके अंतर्गत लोग अपने मालिक के शासन में कार्य किया करते थे। कला का कार्य उस समय का प्रमुख कार्य था


(2) प्रारम्भिक व्यवसायिक शिक्षा प्रोग्राम- इसकी शुरूआत सन् 1809 में डीवील कलिगटन ने किया था। इस अवस्था में कुछ लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता था ताकि वो लोग कुछ कार्य कर अपनी आजीविका कमा सकें। इसके अंतर्गत लोगों को फंड उपलब्ध करवाए जाते थे।


(3) प्रारम्भिक कारखाना स्कूल- इस अवस्था की शुरूआत 1800 सदी में हुआ। इसके अंतर्गत कार्य करने के लिए अदक्ष कर्मचारियों द्वारा मशीनों से कार्य किया जाने लगे तथा कारखानों की शुरूआत होती उत्पादन का कार्यक्षेत्र बढने लगा ।

(4) प्रारम्भिक प्रशिक्षण दक्ष व अदक्ष कर्मचारियों के लिए इसका समय से शुरूआत हुई तथा हेनरी फेयोल ने टी प्रणाली की शुरूआत की तथा कम्पनियां स्वयं ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने लगी। इस कार्यकाल में विश्व युद्ध होने के कारण हथियारों का निर्माण भी होने लगा


(5) मानव संबध गतिविधियां- मानव संसाधन विकास की शुरूआत इस अवस्था में हुई। इस अवस्था में कर्मचारियों के प्रशिक्षण विकास तथा प्रगति के बारे में विचार होने की शुरूआत हुई। अब मानवीय तत्वों को सम्मान दिया जाने लगा।


(6) पेशेवर प्रशिक्षण की स्थापना- मानव संबंध गतिविधियों की शुरूआत होने के बाद समय में परिवर्तन के अनुसार पेशेवर प्रशिक्षण का महत्व बढ़ गया है। अब व्यवसायी व प्रबंधकों द्वारा, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।