कार्यक्रम रेखा-चित्र विश्लेषण - program diagram analysis

कार्यक्रम रेखा-चित्र विश्लेषण - program diagram analysis


कार्यक्रम रेखा-चित्र विश्लेषण की एक अत्यंत महत्वपूर्ण आधुनिक पद्धति है। इस प्रणाली का प्रयोग उन सस्थाओं में किया जाता है जहां किसी कार्य अथवा प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए क्रियाएं करना पड़ती हैं। इस पद्धति में विभिन्न क्रियाओं को एक क्रम में व्यवस्थित करके एक रेखा-चित्र तैयार किया जाता है जिसे कार्यक्रम रेखा-चित्र कहते हैं। इसी आधार पर इस पद्धति के कार्यक्रम रेखा-चित्र विश्लेषण का नाम दिया गया है। इस पद्धति के अंतर्गत दो मिलती-जुलती नियंत्रण प्रणालियों का प्रयोग किया जाता है जिनका वर्णन निम्नलिखित है:


1. कार्यक्रम मूल्यांकन एवं समीक्षा प्रणाली


2. संक्रमक मार्ग पद्धति


1 कार्यक्रम मूल्यांकन एवं समीक्षा प्रणाली: पर्ट का प्रयोग ऐसी परियोजनाओं को पूरा करने में लगने वाले समय को नियंत्रण करने के लिए ज्ञात किया जाता है जो बिल्कुल नई है। अर्थात ऐसी परियोजनाओं जिनके पूरा करने के बारे में पहले से कोई विशेष जानकारी नहीं है। पर्ट के अंतर्गत पूरी परियोजना को विभिन्न चरणों अथवा घटनाओं में विभक्त कर दिया जाता है। इसके बाद यह निश्चित किया जाता है

कि एक घटना से दूसरी घटना तक पहुंचने के बीच में की जाने वाली क्रिया में कितना समय लगेगा और उस क्रिया को पूरा करने में किस-किस साधन (श्रम, माल, मशीन आदि) की जरुरत पड़ेगी घटनाओं और क्रियाओं का निर्धारण कर लेने के बाद इसको इस ढंग से व्यवस्थित किया जाता है ताकि परियोजना को पूरा करने में कम से कम समय लगे।


संक्रमक मार्ग पद्धति कार्यक्रम रेखा चित्र विश्लेषण की दूसरी पद्धति संक्रमक मार्ग-पद्धति है। यह पद्धति PERT से मिलती-जुलती है।

पर्ट प्रक्रिया के समय अनुमान की बात को छोड़कर शेष सभी बातें यहां पर भी लागू होती हैं। CPM को समझने के लिए इसकी PERT के साथ समानताओं एवं असमानताओं का अध्ध्यन किया जाना जरुरी है।


प्रबंधन सूचना प्रणाली MIS (Management Information System) एक व्यवसाय की कुशलता इस बात पर निर्भर करती है कि वहां विचलनों के लिए कितनी शीघ्रता से सुधारात्मक कार्यवाही की जाती है। अतिशीघ्र सुधरात्मक कार्यवाही करने के लिए नवीनतम, शुद्ध तथा समय पर सूचनाएं उपलब्ध होना जरुरी है। और ऐसा MIS (Management Information System) द्वारा संभव है।


MIS एक ऐसी प्रणाली है जिसके अंतर्गत सूचनाओं के एकत्रण, संग्रहण, प्रोसेसिंग तथा वितरण व्यवस्था होती है। इस प्रणाली में कम्प्यूटर व अनेक दूसरे उपकरणों का उपयोग किया जाता है। ये उपकरण अतिशीघ्र आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध करके निर्णयन में मदद करते हैं। संक्षेप में, कहा जा सकता है कि MIS प्रबंधकों के नियंत्रण कार्य का सरल बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। MIS के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं :


यह सूचनाओं के एकत्रण, संग्रहण, प्रोसेसिंग व वितरण द्वारा एक संगठन के विभिन्न विभागों को एक-दूसरे से जोड़ती है। यह निर्णयन व नियंत्रण कार्य को सरल बनाती है।


इससे उच्च कोटि की सूचनाएं उपलब्ध होना संभव हुआ है।


(iv) यह सूचनाओं को कम लागत पर उपलब्ध करती है। यह आवश्यक सूचनाओं को संक्षिप्त में प्रस्तुत करती है। परिणामतः प्रबंधकों पर ये सूचनाओं का भार कम होता है।