भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और महिलाएँ - Indian National Congress and women

 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और महिलाएँ - Indian National Congress and women


सन 1980 में पहली बार कांग्रेस के किसी अधिवेशन में महिलाओं को बोलने का अधिकार दिया गया था. 1890 में महिला उपन्यासकार स्वर्णकुमारी घोषाल और कादम्बिनी गांगुली प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुई. उसके बाद लगातार कांग्रेस अधिवेशनों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ता गया. कांग्रेस अधिवेशनों में महिलाएँ स्त्रियों से जुड़े मुद्दे उठती थीं जैसे 1900 के कलकत्ता अधिवेशन में कादम्बिनी गांगुली ने वेश्यावृत्ति का मुद्दा उठाया. कांग्रेस का संबंध स्त्रियों के कई संगठनों से था, जिनकी महिलाएँ कांग्रेस के कार्यक्रमों में सम्मिलित होती थीं कांग्रेस से महिलाओं को जोड़ने का काम रमाबाई के प्रयासों द्वारा सम्भव हुआ, कांग्रेस के अधिवेशनों में महिलाओं ने मातृभूमि के लिए अपने समर्पण का प्राण लिया था.