वैयक्तिक सेवा कार्य की आवश्यकता - Need Of Social Case Work

     

  चिकित्सालय में रोगग्रस्त बालक अनेक समस्याओं से जूझता है परन्तु इन समस्याओं की ओर चिकित्सकों का ध्यान बहुत कम जाता है क्योंकि इसके लिए अधिक समय तथा विशेष ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसका उनके पास अभाव होता है। उचित निदान एवं उपचार के लिए बालक एवं उसके माता-पिता दोनों का ही योगदान आवश्यक होता है। परन्तु वर्तमान चिकित्सा पद्धति को महत्व नहीं दिया गया है। 

बालकों को एकान्त में दुनिया से बिलकुल पृथक कर दिया जाता है और वे कष्ट पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। इन परिस्थितियों में वे अन्य समस्याएँ उत्पन्न कर लेते हैं जैसे सांवेगिक तनाव, सांवेगिक हृस, प्रतिगमन के लक्षण, प्रत्याहार, अलगाव की भावना, विघटित प्रत्यक्षीकरण, अहमन्यता, ईर्ष्या की भावना आदि।