संचार स्वरूप - Communication Format

संचार स्वरूप - Communication Format


सामान्य तौर पर हम संचार शब्द का प्रयोग करते ही उसका अर्थ समझते है वक्ता या प्रेषक द्वारा संदेश भेजना और श्रोता या प्रेष्य द्वारा सूचनाएँ ग्रहण करना।

यह उल्लेखनीय है कि संचार का सम्बन्ध समाज से है और समाज में संचार के समुचित संसाधनों के आने से पहले से ही संचार के विविध माध्यम अस्तित्व में आते रहे हैं। संचार का शाब्दिक अर्थ है फैलाव विस्तार किसी बात को आगे बढ़ाना चलाना फैलाना और जनसंचार का आशय है जन-जन मे भावों की विचारों की अभिव्यक्ति करना और भावों और विचारों को समझना इस तरह कम्युनिकेशन - संचार का अर्थ है


1. विचारों, भावनाओं, सूचनाओं का आदान-प्रदान करना 


2. जानकारी इकट्ठा करना


3. आपसी समझ बढ़ाना और


4. जानना अथवा बोध करना। इस रूप में संचार के अन्तर्गत सोचना, बोलना, सुनना, देखना पढ़ना, लिखना, परस्पर व्यवहार विचार विमर्श, सम्माषण, वाद-विवाद सब आ जाता है। आपसी बातचीत टेलिफोनिक सम्प्रेषण, पत्राचार यह सब भी संचार के अन्तर्गत आ जाता है। यह संचार मनुष्य तो करता ही है, संसार के समस्त अन्य प्राणी किसी न किस में संचार है। एक उदाहरण हम इस बात को समझ सकते हैं। आपने देखा होगा कि प्रायः हमारे पालतू पशु अपनी खुशी अपनी पीड़ा, स्नेह, क्रोध- अपने हाय-भाव और चेष्टाओं द्वारा व्यक्त करते हैं। हमारी एक गाय को आम बहुत पसन्द थे। एक बार वह बीमार पड़ी हमने आम के साथ उसे कुछ दवाईयाँ दी। पहले इस बात का बोध उसे नहीं हुआ पर एक दिन एक टैबलेट उसके दांत के नीचे आ गई, उस दिन से उसने न केवल आम खाना छोड़ दिया, बल्कि घर के किसी भी सदस्य के हाथ से कुछ भी खाने से इन्कार कर दिया। जबकि आस-पड़ोस के लोगों से उसका व्यवहार यथावत ही रहा। जाहिर है कि मनुष्येतर प्राणी भी अपनी भावानुभूतियों को किसी न किसी तरीके से अभिव्यक्त करते है। हाँ बौद्धिक क्षमता अधिक होने के कारण मनुष्य ने संचार के बेहतर से बेहतर तरीके खोज लिए हैं।








यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि आज संचार केवल भावों या विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम मात्र नहीं है. इसके द्वारा अपने समाज अपने देश में घट रही घटनाओं की ही जानकारी हमें नहीं मिलती अपितु विश्व मंच पर क्या कुछ घट रहा है, इसकी भी जानकारी मिलती है। हमारे सामाजिक परिदृश्य में गत कुछ दशकों से बहुत बदलाव आए हैं। विश्व का एकध्रुवीय हो जाना, भूमंडलीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत. और कम्प्यूटर क्रांति का प्रभाव पुरजोर रूप में दिखाई देने लगा है तो हमें यह भी महसूस होने लगा है कि विश्व इतिहास में बीसवीं शताब्दी की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं यथा उपनिवेशवाद का खात्मा रूसी क्रान्ति, दो-दो विश्व युद्ध फासीवाद का उदय, गांधीवाद का उदय वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति मार्क्सवादी विचारधारा फैलाव, सोवियत संघ का विघटन आदि ने हमारे समाज साहित्य- भाषा- चिन्तन सब पर बहुत प्रभाव डाला है और हमारी सोच, हमारी कार्यशैली को आमूल परिवर्तित कर दिया है, हम एक संस्कृति, एक भाषा का नारा लगाने लगे हैं, ऐसे में संचार शैली, संचार व्यवस्था में जो अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं, वह हमें हैरत में डाल देते हैं। एक समय हमें सूचना इकट्ठा करने के लिए समय, शक्ति, श्रम काफी व्यय करना पड़ता था और आज सर्च इंजन के सहारे से पूरे विश्व की जानकारी हमारी उंगलियों में है। फैक्स, ई-मेल, टेलीकॉन्फ्रेंन्सिंग द्वारा दृश्य-श्रव्य माध्यमों द्वारा हम बड़ी आसानी से अपनी इच्छित जानकारी पा लेते हैं। आजकल टेलीफोनिक साक्षात्कार बेहद प्रचलन में हैं। इससे न केवल साक्षात्कार लेने या देने वाले के समय की बचत होती है, पैसे कागज आदि की भी बचत होती है। कहने का आशय यह है कि हमारी संचार प्रणाली अत्यन्त विकसित और वैज्ञानिक है। इस प्रणाली के विकास में हम मौखिक संचार लिखित संचार मुद्रण कला के माध्यम से संचार टेलीग्राफिक प्रणाली को पार करते हुए संचार के अत्याधुनिक संसाधनों से सम्पन्न पाँचवें चरण में हैं, इस चरण में पारस्परिक क्रियात्मक संचार प्रणाली (Interactive Communication System) पर विशेष बल दिया जाता है। ई-मेल, सोशल नेटवर्किंग, टेली कॉन्फ्रेन्सिंग, फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग आदि शब्द इस परिप्रेक्ष्य में आज बहुत प्रचलित हो गए हैं। इन संसाधनों के द्वारा आज संचार के क्षेत्र में क्रान्ति उपस्थित हो गई है और हम संचारप्राणी (Communicating Animal) बन गए हैं। अपने दिल हम इन्टरनेट द्वारा जमा कर सकते हैं, हवाई जहाज और रेलवे के टिकट बुक करा सकते हैं, ई-पेपर के रूप में समाचारपत्र पढ़ सकते हैं, पूरे विश्व के समाचार जान सकते हैं, खरीदारी कर सकते हैं, ई-मेल द्वारा पत्र भेज सकते हैं, आलेख भेज सकते हैं, ब्लॉग द्वारा अपनी अभिव्यक्ति की क्षमता को प्रस्तुत कर सकते हैं, फेसबुक, ट्विटर आदि द्वारा अपने विचारों को सबके साथ बाँट सकते हैं और कागज की बचत कर सकते हैं, राजस्व की भी बचत कर सकते हैं।