पाठ्यचर्या का विकास - Curriculum Development

पाठ्यचर्या का विकास - Curriculum Development

 पाठ्यचर्या का विकास - Curriculum Development


• छात्रों की वर्तमान आवश्यकता, रुचि किन क्षेत्रों से सम्बंधित है। इसमें छात्रों के मनोवैज्ञानिक पक्षों पर भी ध्यान दिया जाता है। जैसे: व्यक्तिगत भिन्नता, रुचि, बाल विकास की अवस्था, परिपक्वता, बुद्धि, सृजनात्मकता आदि।


• पाठ्यचर्या का प्रकार किस कोटि का होगा। जैसे क्रिया प्रधान, हस्त शिल्प प्रधान, विषय प्रधान, व्यवसाय प्रधान आदि।


• पाठ्यचर्या निर्माण के विविध सिद्धान्त का अनुपालन तथा तत्संबंधी तथ्यों का चयन करना।


• पाठ्यचर्या के विषयों में अन्तर्वस्तु के क्रम का निर्धारण करना, प्रायः यह सरल से जटिल की ओर होती है।


• पाठ्यचर्या के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाओं का चयन करना।


• पाठ्यचर्या निर्माण के विविध सिद्धान्त का अनुपालन तथा तत्संबंधी तथ्यों का चयन करना।



पाठ्यचर्या विकास के प्रमुख सोपान


• शैक्षिक उद्देश्यों का निर्धारण


• निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु उपयुक्त अधिगम अनुभवों का चयन।


अधिगम अनुभवों को प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त अन्तर्वस्तु का चयन।


• अध्ययन अध्यापन प्रक्रिया की दृष्टि से चयनित अधिगम अनुभवों एवं


अन्तर्वस्तु का संगठन।


'सम्पूर्ण प्रक्रिया का उद्देश्यों की प्राप्ति की दृष्टि से मूल्यांकन