आर्थिक विकास में बाधाएँ - Obstacles to Economic Development
आर्थिक विकास में बाधाएँ Obstacles to Economic Development
अल्पविकसित देशों के आर्थिक विकास के मार्ग में आने वाली मुख्य बाधाओं को निम्न दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है.
1 ग़ैर आर्थिक कारण (non economic factors )
2 आर्थिक कारण (economic factors)
ग़ैर आर्थिक कारण
राजनीतिक कारण (political factors)
राजनीतिक दृष्टि से अल्प विकसित देशों की राजनैतिक पराधीनता इनके पिछड़ेपन का मुख्य कारण माना जाता है. उदहारण - एशिया एवँ अफ्रीका
सामाजिक कारण (social factors)
सामाजिक तत्वों के अंतर्गत मुख्यतया जाति प्रथा, संयुक्त परिवार प्रणाली तथा उत्तराधिकार के दोषपूर्ण नियमों को सम्मिलित किया जाता है.
आर्थिक विकास में बाधाएँ Obstacles to Economic Development
सांस्कृतिक कारण (cultural factors)
अल्प विकसित देशों में लोग अधिकांशतया अशिक्षित, अज्ञानी, दकियानूसी, अन्धविश्वासी तथा भाग्यवादी होते हैं. परन्तु यह ईश्वर कि देन समझी जाती है क्योंकि यह पूर्व निर्धारित होती है. इसे अपने परिश्रम व उद्योगों के अभाव से कभी भी सम्बद्ध नहीं किया जाता क्योंकि इस से विधाता के विधान को ठेस पहुँचती है. सामाजिक कुरीतियाँ व धार्मिक अन्धविश्वास समाज में विकास के प्रति उदासीनता लाते हैं.
मायर व बाल्डविन के अनुसार
अल्प विकसित देशों की सांस्कृतिक मूल्य व्यवस्था, आर्थिक उपलब्धियों के लिए सर्वथा अनुपयुक्त है जिसके फलस्वरूप इन देशों के लोग आर्थिक दृष्टि से पिछड़े बने रहते है.
सांस्कृतिक कारण (cultural factors)
प्रो. हेनसन के अनुसार
भारत में कृषि कार्य अधिकतर रीति-रिवाज़ों व् परम्पराओं द्वारा नियंत्रित किये जाते हैं. अधिकांश कृषक कृमिहत्या (insecticide) के विरोधी हैं क्योंकि जीव हत्या घोर पाप है. वह लोग नए और सुधरी किस्म के बीजों को संदेह की दृष्टि से देखते हैं. इनका प्रयोग एक जुआ है. उर्वरकों का प्रयोग वास्तव में एक जोखिम है... इन बिना परखी हुई विधियों के प्रयोग का जोखिम उठाना असफलता के समान है और इस असफलता का दूसरा नाम भुखमरी है.
प्रो. मायर व बाल्डविन ने अल्पविकसित देशों के आर्थिक पिछड़ेपन के लिए उत्तरदायी आर्थिक कारणों को निम्न चार भागों में विभाजित किया है.
• 1 बाज़ार की अपूर्णताएँ (market imperfections)
बाज़ार अपूर्णताओं के विद्यमान होने पर सबसे बड़ी कठिनाई यह होती है। कि उत्पत्ति के साधनों का समुचित वितरण तथा सर्वोत्तम उपयोग नहीं हो पाता जिससे देशों में वास्तविक उत्पादन संभाव्य उत्पादन से नीचे बने रहता है.
2 विषेले वृत्त (Vicious circles)
विभिन्न प्रकार के विषैले वृत्तों में सबसे अधिक प्रभावशाली प्रो. रागनर का निर्धनता का दुष्चक्र है जिसके आधार पर उन्होंने कहा कि एक देश इसलिए निर्धन है क्योंकि वह निर्धन है.
विभिन्न विषैले वृत्त (Various vicious circles)
1 प्रथम वृत्त पूँजी का आभाव निम्न उत्पादकता निम्न वास्तविक आय कम बचतें कम विनियोग पूँजी की कमी.
2 दूसरा वृत्त कम वास्तविक आय कम मांग कम उत्पादन कम विनियोग- पूँजी में कमी-कम उत्पादकता.
3 तीसरा वृत्त आर्थिक पिछड़ापन प्राकर्तिक साधनों का कम उपयोग तकनिकी ज्ञान व - - उद्यमशीलता की कमी प्राकर्तिक साधनों का अल्प उपयोग.
3. पूँजी निर्माण की निम्न दर (Low rate of Capital formation)
1- इन देशों में व्याप्त असीम दरिद्रता पूँजी निर्माण की निम्न दर का कारण व परिणाम दोनों हैं. आय का नीचा स्तर बचत व निवेश को कम करने के लिए उत्तरदायी है.
2- बचत केवल आय स्तूप के शिखर के 3% से 5% तक के लोगों द्वारा ही की जाती है.
3- इन देशों में निवेश की प्रेरणा भी कम होती है.
4 अंतर्राष्ट्रीय शक्तियाँ (International forces)
मायर व बाल्डविन के अनुसार प्रतिकूल अन्तराष्ट्रीय वातावरण अल्प विकसित देशों के लिए निम्नलिखित तीन द्रष्टिकोण से अहितकर सिद्ध हुआ है.
1 द्वैत अर्थव्यवस्थाएँ (Dual economics)
2 अन्तर्राष्ट्रीय साधन चलनशीलता ( International factor movement)
3 व्यापारिक शर्तें (Trade conditions)
आर्थिक विकास में बाधाएँ Obstacles to Economic Development
अन्य बाधाएँ (Other obstacles)
1 उद्यमशीलता एवं प्रबंधकीय योग्यता का भाव (lack of entrepreneural and managerial skills)
2 आधारभूत संरचना का अभाव (Lack of infrastructure)
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