संगठनात्मक परिवेश - organizational environment

संगठनात्मक परिवेश - organizational environment

 संगठनात्मक परिवेश - organizational environment


वैश्वीकरण के शुरू होने से कार्य संस्कृति और संगठनात्मक परिवेश में असंख्य बदलाव हुए हैं। अब कर्मचारी विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आते है और उनके कई प्रकार के व्यक्तित्व मूल्य और वरीयताएँ होती हैं। समाज कार्य का प्रतिमान भी, कल्याण से सशक्तिकरण रूझान की ओर परिवर्तित हो गया। लाभार्थी अब ज्यादा निष्क्रिय प्राप्तकर्ता नहीं है अपितु अपने कर्ता हैं। सेवा आबंटन का परिप्रेक्ष्य और प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण तरीके से परिवर्तित हो गई है। सेवा प्रदाता भी जेंडर, वंश, जातीयता यौन रूझान और अन्य कारकों के सम्बन्ध में अधिक विजातीय होते जा रहे हैं। इसी प्रकार, कार्यबल विविधताजैसे धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग, विकलांग व्यक्ति, विस्थापित लोग, महिला-पुरूष मुद्दे आयु सम्बन्धी कारक, अस्थायी अनियमित संविदाएं आदि किसी दूसरे व्यासाय की कार्य संस्कृति की तुलना में समाज कार्य में कार्य संस्कृति परकाफीप्रभाव डालते हैं। आइए, कुछ जटिल मुद्दों पर नजर डालें जिनकी आपको प्रेरित करने वाली कार्य संस्कृति उत्पन्न करने में निवारण करने के लिए जरूरत पड़ेगी।