अंबेडकर के विचार - Ambedkar's thoughts
अंबेडकर के विचार - Ambedkar's thoughts
असमानता और शोषण के विरुद्ध वैचारिक संघर्ष अंबेडकर का यह मत था कि राजनीतिक समानता और कानून के समक्ष समानता स्थापित करके भारत में समानता को पूर्ण रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि भारतवासियों में सामाजिक आर्थिक समानता के बीज का रोपण किया जाए। संविधान का प्रारूप तैयार करने के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि इससे राजनीतिक जीवन में तो समानता लाई जा सकती है, परंतु सामाजिक-आर्थिक जीवन फिर भी इससे अछूता ही रह जाएगा। समानता का सिद्धांत तभी कारगर साबित होगा, जब मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पानि राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तीनों में प्रत्येक व्यक्ति को समान नैतिक मूल्यवत्ता प्राप्त हो सके।
उन्होंने जाति प्रथा पर कठोर प्रहार किया और भारतीय समाज में व्याप्त असमानता का मुख्य कारण जाति प्रथा को माना। अबेडकर का कहना है आत का जन्म जाति प्रथा से हुआ है जाति प्रथा का जन्म वर्ण व्यवस्था से हुआ है और वर्ण व्यवस्था व जाति प्रथा ब्राह्मणवाद की देन है। "अबेडकर ने असमानता और अछूता के अधिकारों के लिए संघर्ष किए। उनके कार्यों को निम्न प्रकार से सूचीबद्ध किया जा सकता।
जाति प्रथा की कटु आलोचना
असमानता के उन्मूलन हेतु अछूतों में जीवन सुधार की भावना को प्रथल करने का आग्रह
• अछूतों के नागरिक अधिकारी तथा सार्वजनिक स्तरों के प्रयोग के लिए संघर्ष
दलितों के लिए राजनैतिक अधिकार
दलितों के लिए पूचक प्रतिनिधित्व एवं इस संबंध में गांधी जी से मतभेद ।
● सियों के अधिकार के पक्षधर
जनतंत्र पर विचार
तंत्र पर अबेडकर का विश्वास अटूट था वे यह मानते थे कि समाज में समता कायम करने के लिए जनतंत्र एक अद्भुत साधन है। जनतंत्र का अर्थ है एक बोट, एक मूल्य अबेडकर के अनुसार जनतंत्र का अभिप्राय स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व से है। अका मानना है कि सच्चे जनतंत्र के लिए आवश्यक है कि धर्म को राजनीति से पृथक रखा जाय। उनके विचारों के आलोक में जनतंत्र की कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित है।
इसकी सत्ता वंशानुगत न होने के कारण जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्राप्त होती है।
• इसमें शक्ति का आधिपत्य किसी एक व्यक्ति के पास न होकर पूरी सरचना के पास होता है।
इसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनता के विश्वास को हासिल करना पड़ता है और निश्चित समय अंतराल के पश्चात पुनः विश्वास को जगाना पड़ता है।
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