लोक-गीतों का महत्त्व - importance of folk songs
लोक-गीतों का महत्त्व - importance of folk songs
लोक-गीतों ने अपने कलेवर में समस्त प्रकार के वर्णनों को स्थान दिया है। घर परिवार में इन लोक-गीतों के माध्यम से ही मान-मर्यादा, रीति-नीति और कर्त्तव्य-बोध की लोक-सुहाती सीख दी जाती है। इन गीतों की सुगढ़ पंक्तियों में जिम्मेदारी और मर्यादा पालन का बोध कदम-कदम पर दिख पड़ता है। इन गीतों की लोरी सुन शिशुस्वरूप मनुष्य सुखभरी नींद सोता है तो अल्हड़ जवानी को उन्मादी रूप मनमोहक चित्रों में उकेरा दिखाई देता है वहीं श्रान्त बुढ़ापे के अक्षय अनुभवों का सार भी यहीं है।
ये लोक गीत समाज रूपी बगिया को प्रेमजल से सींचने वाले गीत माने गए हैं। धर्म-कर्म की बातें इन्हीं गीतों का स्पर्श पाकर दिग्दिगन्त तक फैलती हैं। लोक गीत मानव जीवन की शुरुआत जितने प्राचीन तो नवप्रसूत शिशु के से नूतन होते हैं।
प्राचीन जीवन के प्राचीन सन्देश इनमें मिलते हैं देश का सांस्कृतिक इतिहास इन्हीं में सुरक्षित है। कितनी ही ऐतिहासिक घटनाएँ अपने यथार्थ रूप में यहाँ सुरक्षित हैं। मानव जीवन की श्रेष्ठता स्थापित करने वाली खरी रीति-नीति की बातें और उनके सन्दर्भ इन गीतों के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित किए जाते हैं। लोक-गीतों के महत्त्व को उजागर करते हुए लाला लाजपतराय ने लिखा है- "देश का सच्चा इतिहास और उसका नैतिक और सामाजिक आदर्श इन गीतों में इतना सुरक्षित है कि इनका नाश हमारे लिए दुर्भाग्य की बात होगी।"
वार्तालाप में शामिल हों