विदेशी सरकारों से समझौता ज्ञापन - Memorandum of understanding with foreign governments

विदेशी सरकारों से समझौता ज्ञापन - Memorandum of understanding with foreign governments


विदेशों में संविदा श्रमिक के रूप में प्रवासी भारतीय कामगार वहाँ की व्यवस्था से जुड़ते हैं, काम करते हैं और वहाँ से लगातार भारत के लिए धन भेजते हैं। इनके काम करने की दशाओं, काम के घंटे, वेतन, आवास, चिकित्सा सुविधा, पंजीकृत एजेंट की नियुक्ति और भी विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ जैसे- बीमा योजना, पेंशन योजना को लेकर सरकार स्वयं और मेजबान देशों के साथ मिलकर एक नीतिगत फ्रेमवर्क तैयार करती है और इन देशों के साथ सहमति पत्रों (MOUs) पर हस्ताक्षर कर इन प्रवासी श्रमिकों की सहूलियतों पर चर्चा कर इनको नीतिगत आधार प्रदान करती है। वर्षवार होने वाले सहमति समझौते


वर्ष 2004 में अपने गठन के बाद प्रवासी भारतीय मंत्रालय ने उन सभी देशों के साथ अपने संबंधों को मधुर बनाने के ठोस प्रयास किए हैं, जहाँ भारतीय श्रमिक काम करने के लिए जाते हैं। इन सहमति-पत्रों (MOUs) में संबंधित सरकारों की भारतीय श्रमिकों के बेहतर संरक्षण एवं कल्याण की प्रतिबद्धता होती है। सहमति-पत्रों पर संयुक्त अरब अमीरात (यू. ए. ई.) के साथ दिसंबर 2006 ई. में, कतर के साथ अप्रैल 2007 ई. में, कुवैत के साथ अप्रैल 2007 ई. में ओमान के साथ नवंबर 2008 ई. में और बहरीन के साथ जून 2009 ई. में हस्ताक्षर किए गए।


भारत और कतर के बीच 20 नवंबर 2007 ई. को मौजूदा श्रम समझौते के अलावा एक अतिरिक्त समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।

संयुक्त अरब अमीरात के साथ सितंबर 2011 ई. में एक संशोधित सहमति-पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए। सउदी अरब में भारी मात्रा में भारतीय श्रमिकों की संख्या को देखते हुए प्रवासी भारतीय मंत्रालय और सउदी अरब के श्रम मंत्रालय के बीच 2 जून, 2014 ई. को "घरेलू सेवा कामगार सहयोग समझौता किया गया जिसमें निम्नलिखित बिंदुसम्मिलित हैं-


1. रोजगार के अवसर बढ़ाने और कामगारों के कल्याण एवं संरक्षण के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर सहमति।


2. संगठित क्षेत्र में संबद्ध देश कामगारों के कल्याण एवं संरक्षण के लिए उपाय करेगा।


3. विदेशी नियोक्ता भारतीय कामगारों को भर्ती करते समय व्यापक प्रक्रिया अपनाएगा।


4. रोजगार और भर्ती के नियम दोनों देशों के कानूनों से पुष्ट होंगे। 5. सहमति-पत्रों (MOUs) का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और श्रम समस्याओं का द्विपक्षीय समाधान तलाशने के लिए संयुक्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा। सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देशों के साथ समूह की पहले दौर की बैठक हो चुकी है। संयुक्त कार्य समूह की दूसरे और तीसरे दौर की बातचीत कुवैत के साथ फरवरी 2010 ई. और जनवरी 2012 ई. में एक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हो चुकी है। संयुक्त कार्य समूह ने ओमान के साथ जून 2010 मई 2011 और सितंबर 2012 ई. में बैठक की। कतर के साथ समूह की दूसरी बैठक 2013 ई. में आयोजित की गई।