नीति आयोग की संरचना - Structure of NITI Aayog
नीति आयोग की संरचना - Structure of NITI Aayog
नीति आयोग का गठन इस प्रकार होगा -
1. भारत के प्रधानमंत्री अध्यक्षा
2. गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्रशासित्प्रदेशों (जिन केन्द्रशासित प्रदेशों में विधानसभा है वहां के मुख्यमंत्री) के उपराज्यपाल शामिल होंगे।
3. विशिष्ट मुद्दों और ऐसे आकस्मिक मामले, जिनका संबंध एक से अधिक राज्यया क्षेत्र से हो, को देखने के लिए क्षेत्रीय परिषद गठित की जाएगी। ये परिषदें विशिष्ट कार्यकाल के लिए बनाई जाएंगी। भारत के प्रधानमंत्री के निर्देश पर क्षेत्रीय परिषदों की बैठक होगी और इनमें संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होंगे (इनकी अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष करेंगे।
4. संबंधित कार्य क्षेत्र की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ और कार्यरतलोग, विशेष आमंत्रित के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किए जाएंगे।
5. पूर्णकालिक संगठनात्मक ढांचे में प्रधानमंत्री अध्यक्ष होने के अलावा) निम्न होंगे-
(क) उपाध्यक्ष प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त।
(ख) सदस्य पूर्णकालिक
(ग) अंशकालिक सदस्यः अग्रणी विश्वविद्यालय शोध संस्थानों और संबंधितसंस्थानों से अधिकतम दो पदेन सदस्य, अंशकालिक सदस्य बारी के आधार पर होंगे।
(घ) पदेन सदस्य: केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से अधिकतम चार सदस्य प्रधानमंत्री द्वारा नामित होंगे। यदि बारी के आधार को प्राथमिकता दी जाती है तो यह नियुक्ति विशिष्ट कार्यकाल के लिए होंगी।
(ङ) मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी को निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
(च) सचिवालय आवश्यकता के अनुसार
आयोग के अध्यक्ष पहले की तरह पीएम होंगे जबकि एक उपाध्यक्ष होगा जिसकी नियुक्ति पीएम करेंगे आयोग में 5 स्थायी जबकि 2 अस्थायी सदस्य होंगे. अस्थायी सदस्यों की नियुक्ति रोटेशन के आधार पर की जाएगी।
आयोग में कैबिनेट मंत्रियों के रूप में 4 पदेन सदस्य भी होंगे, जिनकी नियुक्ति पीएम करेंगे आयोग को एक प्रोफेशनल रूप देने के लिए एक सीओओ का पद तो रखा ही गया है साथ-साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में विशेषज्ञों की भी नियुक्ति की जाएगी. हालांकि एक बड़ी चीज है जो नए संस्थान कोपुराने आयोग से अलग करती है वह राज्यों का प्रतिनिधित्व, नीति आयोग में एक गवर्निंग काउंसिल यानि कार्यकारी परिषद् भी बनायी जाएगी जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के तौर पर शामिल किया जायेगा।
इसके अलावा क्षेत्रीय परिषदों के भी गठन का प्रावधान किया गया है. ये एक अस्थायी परिषद् होगा जिसका गठन प्रधानमंत्री समय-समय पर दो या अधिक राज्यों के बीच उठने वाले किसी खास मसल के समाधान के लिए करेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया के साथ ही अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय और डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख बाँके सारस्वत को आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया है। अमिताभ कांत वर्तमान में इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
वार्तालाप में शामिल हों