वैधानिक प्रतिफल एवं उद्देश्य - statutory consideration and purpose
वैधानिक प्रतिफल एवं उद्देश्य - statutory consideration and purpose
एक वैध अनुबंध का चतुर्थ आवश्यक लक्षण न्यायोचित प्रतिफल एवं उद्देश्य का होना है। बिना न्यायोचित प्रतिफल एवं उद्देश्य के वैध अनुबंध का निर्माण नहीं होता है।
प्रतिफल का अर्थ एवं परिभाषा
साधारण बोलचाल की भाषा में प्रतिफल से आशय उस मूल्य या प्राप्ति से होता है जो वचनदाता के वचन के बदले वचनगृहीता द्वारा दिया जाता है। दूसरे शब्दों में यह कुछ के बदले कुछ है।
भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 2(d) के अनुसार,
"जब वचनदाता की इच्छा पर वचनगृहीता अथवा किसी एनी व्यक्ति ने (अ) कोई कार्य किया अथवा उसके करने से विरत रहा, अथवा (ब) कोई कार्य करता है अथवा उसके करने से विरत रहता है (स) कोई कार्य करने अथवा विरत रहने का वचन देता है, तो ऐसा कार्य या विरति या वचन, उस वचन के लिए प्रतिफल कहलाता है।"
उदाहरण के लिए, करण अपना मोटर साइकिल सोहन को 10,000 रूपये में बेचने के लिए सहमत हो जाता है, यहाँ पर करण का प्रतिफल 10,000 रूपया तथा सोहन का प्रतिफल मोटर साइकिल है।
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