नाटकीय संरचना - dramatic structure नाटकीय संरचना को लम्बी कविता का प्राणतत्त्व स्वीकार किया जाता है। कविवर निराला ने 'राम की शक्ति-पूजा' की क…
दीर्घकालिक तनाव से अभिप्राय उस तनाव से है जिसे एक कवि लम्बे अरसे तक कई धरातलों पर अपने भीतर संयोजित करता रहता है। यह तनाव यथार्थ के बदलते रूपों, प्रस…
'राम की शक्ति-पूजा' महाकवि निराला की सर्वश्रेष्ठ रचना है। यह कृति निराला के कृतित्व और व्यक्तित्व की महानतम उपलब्धि है। यह कविता मूल रूप से उ…
रूपबन्ध की दृष्टि से काव्य के दो भेद स्वीकार किए जाते हैं दृश्यकाव्य तथा श्रव्यकाव्य । दृश्यकाव्य का आनन्द देख कर लिया जाता है। इसमें नाटक, एकांकी, प…
निराला छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि हैं, उन्होंने अपनी सुकोमल और ओजस्वी रचनाओं से छायावादी काव्य को विस्तार और दृढ़ता प्रदान की। वे युगान्तरवादी क…
दो का मिलकर एक हो जाना समरसता है। एक नदी सागर से मिलकर समरस हो जाती है। "जब योगी को यह प्रतीति होने लगती है कि न तो मैं हूँ, न कोई मुझसे अन्य है…
जीवन-सौन्दर्य - beauty of life प्रसाद की जीवन-व्यापिनी अनुभूति की तरह उनकी सौन्दर्य चेतना सर्वव्यापिनी है। "वह त्रिशूल स्थित काशिका के विश्वना…
रचना-काल में दृश्य जगत् का इन्द्रिय-प्रत्यक्ष सौन्दर्य परोक्ष सौन्दर्य का प्रतिबिम्ब मात्र नहीं रह जाता, वह अनुभूति का विषय बन जाता है। क्षितिज की श्…
जब प्राकृतिक सौन्दर्य से कवि की सौन्दर्य वृत्ति को संतुष्टि नहीं मिलती तब वह नारी सौन्दर्य को अपनी सौन्दर्योपासना का साधन बना लेता है। "अखिल विश…
प्रसादजी काव्य-रचना के प्रारम्भिक काल से एक प्रकार से लताच्छादित पर्वतश्रेणी, नक्षत्रमण्डित गगन, उन्मादकारिणी रात्रि, संध्या सुन्दरी, उषा आदि उपादानो…
प्रसाद की सौन्दर्य चेतना महादेवी वर्मा ने 'दीपशिखा' की भूमिका में लिखा है कि "सत्य काव्य का साध्य और सौन्दर्य साधन है। एक अपनी एकता में …
कामायनी का प्रस्तुत अर्थ - Present meaning of Kamayani जलप्लावन के बाद मनु चिन्तित हैं। उनका परिचय श्रद्धा से होता है और वे कर्म में प्रवृत्त होते है…
साहित्यशास्त्रों में महाकाव्य के लक्षणों की विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से भारतीय काव्यशास्त्र के अनुसार विशद् व्याख्या की है। महाकाव्य के लक्षण इस प्…